टेलों तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए नहरी पानी के वितरण को तर्कसंगत कर रहे हैं: बरिंदर कुमार गोयल

We are Rationalizing the Distribution of Canal Water

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जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विधानसभा में दी जानकारी

कहा, भूजल के अधिक उपयोग वाले ज़िलों में प्राथमिकता के आधार पर नहरी पानी दिया जा रहा है

अगले मानसून से पहले सेम नालों की सफाई का काम करेंगे सम्पूर्ण

मान सरकार ने 13 बड़ी मशीनें खरीदीं, चार गुणा कम खर्चे पर सेम नालों की सफाई की जा रही है

चंडीगढ़, 21 मार्चः We are Rationalizing the Distribution of Canal Water: पंजाब के जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली सरकार टेलों तक पानी पहुंचाना यकीनी बनाने और कम नहरी पानी प्राप्त करने वाले ज़िलों में नहरी पानी का वितरण तर्कसंगत कर रही है।

उन्होंने कहा कि मान सरकार ने कई ज़िलों में जल भत्ता (एक हजार एकड़ क्षेत्र के पीछे मिलने वाला नहरी पानी) 50 प्रतिशत बढ़ाकर दो क्यूसिक से तीन क्यूसिक किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जहां अधिक मात्रा में भूजल निकाला जा रहा है, वहां प्राथमिकता के आधार पर नहरी पानी दिया जाए।

धर्मकोट से विधायक स. दविंदरजीत सिंह लाडी ढोस द्वारा उनके क्षेत्र में नहरी पानी पहुंचाने और खालें बनाने संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कई ज़िलों में जल भत्ता 6 से 8 क्यूसिक है जबकि संगरूर, बरनाला, पटियाला और मानसा जैसे ज़िलों में जल भत्ता केवल दो क्यूसिक है। इसी कारण इन ज़िलों में भूजल अधिक मात्रा में निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूजल को बचाने के मद्देनज़र अधिक पानी निकालने वाले ज़िलों में प्राथमिकता के आधार पर काम किए जा रहे हैं। ऐसे ज़िलों में अधिक नहरों की ज़रूरत के मद्देनज़र प्राथमिकता के आधार पर फंड दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जल भत्ते के तार्किक वितरण को सुनिश्चित कर रही है।

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विधायक स. ढोस के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हलका धर्मकोट में कुल आठ नहरें हैं, जिनमें से छह नहरों का काम 58 करोड़ 30 लाख 63 हज़ार रुपये की लागत से पूरा हो चुका है जिससे 70 हज़ार एकड़ ज़मीन को पानी मुहैया किया जा रहा है। हलका धर्मकोट में 2 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से 14 किलोमीटर खाल नये बनाए गए। उन्होंने बताया कि राज्य भर में कुल खालों के लिए 17 हज़ार करोड़ रुपये की ज़रूरत है और उपलब्ध फंड के अनुपात अनुसार ही धर्मकोट हलके को भी फंड मुहैया करवाए जाएंगे।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि हलका धर्मकोट में नहरी पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए पिछले दो वर्षों में 58.30 करोड़ रुपये की लागत से अहम 6 परियोजनाओं का काम पूरा किया गया है, जिनमें सिद्धवां ब्रांच, किशनपुरा रजबाहा, धर्मकोट रजबाहा, 5-आर रजबाहा सिस्टम, किंगवाह रजबाहा, 6-आर रजबाहा और 4 नंबर माइनर (रेडवा, हशमतवाह, खन्ना और नथूवाह माइनर) की कंक्रीट लाइनिंग का काम प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के साथ 11772 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सिंचाई के अधीन लाया गया है और 17516 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र (सी.सी.ए.) का पुर्नोद्धार किया गया है जिससे विधानसभा हलका धर्मकोट के विभिन्न गांव जैसे किशनपुरा, इंदरगढ़, लोहेगढ़, धर्मकोट, रेडवां, पंडोरी अराईयां, बद्दूवाल, मूसेवाला आदि के किसानों को नहरी पानी की बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। इन नहरों, रजबाहों/माइनरों की कंक्रीट लाइनिंग होने से किसानों को उनकी मांग अनुसार नहरी पानी मुहैया कराया जा रहा है, जिससे भविष्य में किसानों की भूजल पर निर्भरता घटेगी।

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अगले मानसून से पहले-पहले सेम नालों की सफाई का काम करेंगे पूरा

इसी तरह गिदड़बाहा से विधायक स. हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों द्वारा सेम नालों की सफाई के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि मान सरकार द्वारा पहले से ही सेम नालों की सफाई सुव्यवस्थित तरीके से करवायी जा रही है और भविष्य में भी इस प्रक्रिया की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि ज़िला श्री मुक्तसर साहिब के हलका गिदड़वाहा की सीमा में कुल 18 सेम नाले गुज़रते हैं, जिनमें से 16 सेम नाले श्री मुकतसर साहिब जल निकास मंडल और 2 सेम नाले फरीदकोट जल निकास मंडल से संबंधित हैं।

उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार इनमें से 17 सेम नालों की सफाई मानसून सीज़न 2024-25 के दौरान विभागीय मशीनरी और एजेंसी द्वारा करवायी गई थी जिसका कुल खर्च 49 लाख 55 हज़ार 55 रुपये था और 7 सेम नाले 19 लाख 28 हज़ार 820 रुपये की लागत से विभागीय मशीनरी द्वारा और 10 सेम नाले 30 लाख 26 हज़ार 235 रुपये की लागत से एजेंसी के द्वारा साफ करवाए गए थे। उन्होंने बताया कि आवश्यकता के अनुसार इन सेम नालों की सफाई का काम 2025-26 के मानसून सीज़न की शुरुआत से पहले किया जाएगा।

विधायक के एक अन्य सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मान सरकार ने अपने स्तर पर 13 बड़ी मशीनें खरीदी हैं और इन मशीनों के साथ 19 लाख 28 हज़ार 820 रुपये के डीज़ल के खर्चे के साथ सेम नालों की सफाई अच्छी तरह से करवाई गई है। उन्होंने कहा कि यदि यह काम किसी एजेंसी के माध्यम से कराया जाता तो खर्चा चार गुणा ज्यादा होता। उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार के स्तर पर कभी भी मशीनरी की खरीद नहीं की गई थी।